सारा दिन समाजवाद का दंभी रुदन विलाप करने वाले इन तथाकथित सुधारकों को क्या यह पता है कि ये क्रिकेट नाम का कीड़ा भी पूंजीवाद की ही देन है, बल्कि यूँ कहें कि आजकल तो पूंजीवाद के सबसे विकराल और विकृत रुपों में से अग्रज है; या फ़िर यह सब जानते बूझते हुए भी वे आँखेँ मूँदे रखते हैँ और अपने समय और सुविधा अनुसार सारी परिभाषाओं को अपने मनबहलाव के लिए परिवर्तित करते रहते हैँ ? #कंवल
by अहं सत्य
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