Saturday, May 16, 2015

Kanwal Speaks - May 16, 2015 at 11:16PM

सारा दिन समाजवाद का दंभी रुदन विलाप करने वाले इन तथाकथित सुधारकों को क्या यह पता है कि ये क्रिकेट नाम का कीड़ा भी पूंजीवाद की ही देन है, बल्कि यूँ कहें कि आजकल तो पूंजीवाद के सबसे विकराल और विकृत रुपों में से अग्रज है; या फ़िर यह सब जानते बूझते हुए भी वे आँखेँ मूँदे रखते हैँ और अपने समय और सुविधा अनुसार सारी परिभाषाओं को अपने मनबहलाव के लिए परिवर्तित करते रहते हैँ ? #कंवल
by अहं सत्य

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