Tuesday, March 21, 2017

Kanwal Speaks - March 22, 2017 at 12:59AM

जो जुबाँ न कह पाई कभी वो आँखों से कंवल बिन कहे बयाँ हो गया, काश आँखों पे ज़ोर होता तो हाले दिल यूँ सरेआम बेपरदा न होता । #कंवल
by अहं सत्य

Join at
Facebook

No comments:

Post a Comment