जैसा कि माननीय न्यायाधीश महोदय ने कहा है, मोर के आँसुओं को पीने से सचमुच मोरनी गर्भवती होती है और इसीलिए वह पवित्र है, इसका साक्षात प्रमाण हिंदुस्तान की पवित्र न्यायपालिका है, जहाँ सारे पवित्र न्यायाधीश उनके पिता के आंसुओं के उनकी माता द्वारा पान करने पर गर्भवती होने से ही पैदा हुए हैं; ऐसे ही थोड़ी ना कहते हैं कि 'यह दिल मांगे मोर' !!
by अहं सत्य
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