धर्म दान देना सिखाता है, जिसमें एक दाता और दूसरा भिखारी होता है, दोनों का दर्जा कभी भी समान नहीं हो सकता । पर नानक ने बांट कर खाना सिखाया, न इसमें कोई देने वाला होता है और न ही कोई लेने वाला सब एक समान एक ही जगह में अपनी आमदनी का हिस्सा डालते हैं, उस साँझी गोलक में से सर्व-जन कल्याण के लिए धन खर्च होता है । यह विश्व का पहला समाजवाद है । #कंवल
by अहं सत्य
Join at
Facebook
No comments:
Post a Comment