Monday, February 16, 2015

Kanwal Speaks - February 17, 2015 at 11:10AM

रब्ब जिसे मानता है तूँ, महज़ पत्थर वो वास्ते मेरे, तेरी सोच भली जो तुझको, क्यूँ मुबारक़ न मेरी सोच मुझे | #कंवल

by अहं सत्य



Join at

Facebook

No comments:

Post a Comment