Sunday, March 8, 2015

Kanwal Speaks - March 08, 2015 at 05:43PM

अगर तुम्हारे धर्म-ग्रंथ और उनके उपदेश समसामयिक और व्यावहारिक समस्यायों का समाधान देने में आसमर्थ हैं तो उनका समस्त पठन-पाठन केवल और केवल समय और जीवन की व्यर्थता ही कहलायेगा; ऐसी सूरत मैं न भी कहूँ तो भी अच्छा तो यह ही रहेगा कि किसी ठंडी रात को ऐसे सभी धर्मग्रन्थों को फाड़ कर, उनको जला, उनसे ऊष्मा ही सेक ली जाये, क्योंकि ऐसी स्तिथि में यह ही उनकी सब से बड़ी और एकमेव उपयोगिकता बाकी होगी | #कंवल

by अहं सत्य



Join at

Facebook

No comments:

Post a Comment