Friday, March 20, 2015

Kanwal Speaks - March 20, 2015 at 08:09PM

है तेरा ज़िक्र भी अब तो लाहनत ख़ुद पे ही शर्म सी आये, जिस और भी सुन रहा हूँ बस तेरे अय्याशो-मिजाज़ी किस्से | #कंवल

by अहं सत्य



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