Sunday, April 5, 2015

Kanwal Speaks - April 05, 2015 at 11:57PM

सुधार की बात करना इतना कठिन नहीँ और ना ही समाज मेँ सुधार लाने का दंभ भरना कोई दुष्कर कार्य है, पर जब स्वयं के सुधार की चर्चा शुरु होती है तो बड़े बड़े सुधारवादियोँ को भी पसीने छूट जाते हैँ और वो हाथ खड़े कर के भागने पे मजबूर हो जाते हैं । #कंवल

by अहं सत्य



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