भक्त तो भक्त ही होता है, फिर चाहे वो आम भक्त हो या खास भक्त, काम भक्त हो या वाम भक्त, धर्म भक्त हो या राष्ट्र भक्त, भक्त होने की प्रथम आवश्यकता ही दिमाग का, सोच का, समझ का और विचार का अंधा होना है, अंधे हुए बिना कोई भी भक्ति नहीँ हो सकती । #कंवल
by अहं सत्य
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