मोदी सरकार की बहुप्रचारित परियोजना सांसद आदर्श ग्राम योजना सिर्फ़ विज्ञापन के लिए है? * आरटीआई के जवाब में सामने आया कि इस परियोजना के अंतर्गत किसी गांव को कोई भी पैसा आवंटित नहीँ किया जायेगा पटियाला आधारित एक आरटीआई कार्यकर्ता कवलदीप सिंघ द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन के जवाब मेँ ग्रामीण विकास मंत्रालय के ग्रामीण विकास विभाग से प्राप्त एक उत्तर के माध्यम से एक चौंकाने वाला रहस्योद्घाटन हुआ है कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार विकास प्रयोजनों के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से इस योजना के तहत पहचानित गांवों को कोई भी अलग से धनराशि नहीँ प्रदान की जाएगी। ध्यान रहे यह सांसद आदर्श ग्राम योजना स्वयं प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई है और वर्तमान मोदी सरकार की चुनिंदा बड़ी परियोजनाओं में से एक है और इसे ग्रामीण भारत के लिए एक प्रकार से इस सरकार के सबसे बड़े विकास प्रयास के रूप में पेश किया जा रहा है। इंजीनियरिंग के प्रोफेसर से आरटीआई कार्यकर्ता बने कवलदीप सिंघ ने इस परियोजना के अंतर्गत आवंटित राशि, उपयोग मेँ लाई गई राशि और इस योजना के तहत किए गए कार्यों के सभी विवरणों का पता लगाने के लिए इस संबंध में एक आरटीआई आवेदन दायर किया था तांकि नई सरकार की इस बहुप्रचारित परियोजना की वास्तविकता का पता लगाया जा सके । इसी आरटीआई के जवाब में यह भी खुल कर आया कि सांसद आदर्श ग्राम योजना के अंतर्गत चिह्नित गांवों के सभी भौतिक बुनियादी ढांचे को पहले से ही इस उद्देश्य के लिए मौजूद विभिन्न केन्द्रीय क्षेत्र की और केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से ही बनाया जाएगा, भाव इस परियोजना मेँ सरकार द्वारा कुछ भी नया विकास कार्य नहीँ किया जाएगा। इस योजना के तहत किए गए कार्यों के विवरण के संबंध मेँ पूछे गए प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा गया है कि अभी सांसद आदर्श ग्राम योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार पहचानित ग्राम पंचायतों की ग्राम विकास योजनायों के ख़ाके को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस प्रकार यह सच भी सामने आ गया कि विकास के एजेंडे पर पिछला चुनाव जीतने वाली मौजूदा केंद्र सरकार ने इतनी प्रचारित परियोजना मेँ भी जमीनी स्तर पर कोई काम नहीँ किया है बल्कि केवल और केवल इसको राजनीतिक लाभ के लिए विज्ञापनों तक ही सीमित रखा है ।
by अहं सत्य
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