सीबीआई तो पहले ही पिंजरे का तोता है... क्या कोई यह बता सकता है कि अब तक भ्रष्टाचार के मामलों मेँ कितनी ऐसी बड़ी जाँच इसने पूरी की हैं जिसके बाद किसी आखिरी फैसले में किसी बड़े नेता या नोकरशाह को कभी कोई कड़ी सज़ा या जायदाद जब्ती हुयी हो ? सो 'केस सीबीआई में' का बस इतना सा मतलब है कि सबकी खुशी से मामला अब ठंडे बसते में !!
by अहं सत्य
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