Wednesday, July 29, 2015

Kanwal Speaks - July 29, 2015 at 11:03PM

ऐ जमहूरियत न सोचा था कि ज़हनियतो-फ़ितरत होगी कभी तेरी ऐसी, लहु माँगती जमायतें और मौत पे जश्न मनाती भीड़ें हैं कंवल मैने देखी । #कंवल
by अहं सत्य

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