अगर संयुक्त राष्ट्र संगठन को न्याय की मांग के लिए पत्र लिखना कृत्रिम राष्ट्रवादियों की नजर मेँ देशद्रोह है तो जो संयुक्त राष्ट्र में स्थाई सदस्यता की मांग कर रहे हैँ, और इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु यत्र तत्र सर्वत्र हर किसी के तलवे चाट रहे हैँ, उन लंपटों से बड़ा देशद्रोही कोई और दूसरा हो ही नहीँ सकता; सो इस जघन्य देशद्रोह से बचने के लिए भारत को त्वरित संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता त्याग देनी चाहिए । #कंवल
by अहं सत्य
Join at
Facebook
No comments:
Post a Comment