Tuesday, November 10, 2015

Kanwal Speaks - November 10, 2015 at 02:07PM

कौमें यूँ ख़रीदी नहीं जाती कंवल न ऐसे कभी खत्म हुया करती हैं, आख़िर ज़रुरत भी क्या है जब इतने सस्ते में रहनुमा बिकते हैं । #कंवल
by अहं सत्य

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