Friday, November 13, 2015

Kanwal Speaks - November 13, 2015 at 07:20PM

रगों में जिसकी हरामख़ोरी बसती कहाँ स्वाद उसे रोटी हलाली में । जिसने लूटा था घर माँ का कंवल कैसे शर्म उसे बेटी की दलाली में । #कंवल
by अहं सत्य

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