Friday, November 27, 2015

Kanwal Speaks - November 27, 2015 at 02:48PM

हो गुमानो-बे-क़िरदारी पे सवार भूल गया वो शायद, बस ये राख़ की ढेरी है आख़री अंजाम कंवल सब का । #कंवल
by अहं सत्य

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