Wednesday, January 13, 2016

Kanwal Speaks - January 14, 2016 at 11:12AM

ज़िंदगी एक उत्सव है; बस ज़रूरत इतनी है कि इसे धर्म व उसकी मरयादा के संकीर्ण और द्वेष से भरे चश्मों से देखना बंद कर दिया जाए, फिर हर पल खुशियाँ ही खुशियाँ हैं । #कंवल
by अहं सत्य

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