अब यह चड्डी हमें सिखाएँगे कि हमें किस की जय बोलनी है और किसकी नहीं ? या यह दो कौड़ी के नपुंसक अब अपने किसी नाजायज़ बाप के दिए हक से हमारा इस मुल्क में रहना या ना रहना निर्धारित करेंगे ? अपनी औक़ात में रहो चड्डी, नहीं तो हम अभी तक औक़ात बताना और सही औक़ात में लाना भूले नहीं हैं !!
by अहं सत्य
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