Thursday, June 9, 2016

Kanwal Speaks - June 10, 2016 at 08:14AM

जैसो काहन तजी मथुरा सखी होय रहे रणछोड़ ।। तैसों छूटी कंवल साकत की छाया भयो मन विभोर ।।१।। #कंवल
by अहं सत्य

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