त्याग और मुक्ति में बहुत बड़ा मूलभूत अंतर है, त्याग एक क्रिया भर है, जिसमें कर्ता और कर्म दोनों प्रधान है और समूची क्रिया बेहद गौण रह जाती है, जब कि मुक्ति एक अनादि अनुभूति है जिसमें क्रिया का कोई स्थान नहीं है तथा जिसके घटने से पूर्व कर्ता और कर्म कहीं बहुत पीछे छूट कर स्वाहा हो चुके होते हैं । #कंवल
by अहं सत्य
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