कशमीर वादी की मज़हबी, उन्मादी और कट्टरपंथी तंज़ीमों की सोच और क़िरदार को एक तरफ़ रख कर सिर्फ़ तथ्यों पर सोचें तो या भारतीयों का फ़िरंगियों के विरुद्ध स्वतंत्रता-संग्राम अपने आप में देशद्रोह, अलगाववाद और आतंकवाद ही था या फिर कश्मीरियों का मौजूदा भारतीय दमनकारी बस्तीवाद के खिलाफ़ संघर्ष भी उनकी देश-भक्ति और जंगे-आज़ादी है; एक तरफ खड़े होना होगा, दोगली बातें एक साथ नहीं चल सकती । #कंवल
by अहं सत्य
Join at
Facebook
No comments:
Post a Comment