14 और 15 अगस्त 1947 के दिन इतिहास में केवल भारतीय उपमहाद्वीप में रह रहे करोड़ों लोगों की नियति को ब्रितानी सम्राज्यवाद द्वारा संचालित बस्तीवाद के दो डोमिनियन स्टेटस प्राप्त केंद्रीकृत साम्राज्यवादी सत्ताओं में हस्तांतरण भर के प्रतीक थे जो दिखावे मात्र के लिए संबंधित डोमिनियनों में स्वतंत्रता दिवस कहलाये, जबकि यह दोनों ही डोमिनियन केवल ब्रितानी हुकूमत के समय से चल रहे निरोल तानाशाही, पूंजीवादी और शोषणवादी सिद्धांतों से फलीभूत दमनकारी शासन का ही अविराम विस्तार थे । #कंवल
by अहं सत्य
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