Tuesday, October 4, 2016

Kanwal Speaks - October 05, 2016 at 05:24AM

नहीं रखती मायने अब तेरी हस्ती मेरे लिए हैं बहा दी अस्थियाँ मैंने तेरे हर वजूद की, कि रखकर तुझसे दुश्मनी कंवल तेरी होंद का एक ज़रा भी नहीं चाहता मैं पास अपने । #कंवल
by अहं सत्य

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