जब देश का सेनाध्यक्ष यह कहे कि जनता को सेना से डरना चाहिए तो यह पूर्णता स्थापित हो जाता है कि जनतंत्र की हत्या हो चुकी है तथा संविधान आधारित गणतंत्र मिट चुका है; अगर संविधान की रक्षा के लिए बाध्य न्यायपालिका में लेशमात्र भी गरिमा और कर्तव्यपरायणता बची हो तो तत्काल प्रभाव से ऐसे सेनाध्यक्ष को पद से हटा देना चाहिए ...
by अहं सत्य
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