Wednesday, June 14, 2017

Kanwal Speaks - June 15, 2017 at 10:29AM

गद्दारियाँ सरदारियाँ चढ़ तख़्त यूँ बैठीं रहीं, ऐसे न पगड़ी तेरी कंवल रुलती रही बाज़ार में । #कंवल
by अहं सत्य

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