Monday, October 30, 2017

Kanwal Speaks - October 30, 2017 at 03:52PM

तानाशाही का सिद्धांत धर्मों के ख़ुदा से पैदा होता है; जो निरंकुश है, सब पर अपना हुक्म चलाता है, बिना किसी की मर्ज़ी सुने या जाने, और सबको उसकी आज्ञा में रहना पड़ता है, तथा अपने आधीन लोगों को वो सिर्फ़ अपनी मौज के लिए तरह-तरह के दुख देता है और यह सब झेलने के लिए उन्हें मजबूर करता है, और सबसे बेहूदा यह कि वह निहायत खुशामद पसंद है, जो दिन रात उसका भजन-कीर्तन, उसकी उपमाओं का पठन-पाठन, खुशामद, दुआ, प्रार्थना इत्यादि करते हैं उन्हीं को मनमाफ़िक या मांगी हुई चीजें देता है, वरना बाकियों को उठाकर किसी नर्क या दोज़ख़ में भेज देता है, और यही नहीं वो इतना घिनौना, कमीना और ज़ालिम है कि नर्क में हर तरह का मानवाधिकार उल्लंघन करता है, और सोच से भी परे अति-शर्मनाक और निंदनीय प्रताड़नाएं, यातनाएं और पीड़ाएं देता है । ऐसे घटिया भगवानो-ख़ुदा पर मैं थूकना भी पसंद नहीं करता । #कंवल
by अहं सत्य

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