Saturday, February 10, 2018

Kanwal Speaks - February 11, 2018 at 07:20AM

अरे भजन, कीर्तन, पाठ, पूजा, नमाज़, बंदगी, भक्ति, प्रार्थना, इत्यादि करने वालों ज़रा एक बात बताओ कि जो हर वक्त सिर्फ़ अपनी खुशामद ही सुनने का आदी हो, और जो सुबह शाम उसके गुण गाएँ, नाम सुमिरन करें, उसकी उपमा करें, उसके आगे साष्टांग नमस्कार करें, अज़ान सुनकर झुकें, उसकी सेवा, अर्चना वगैरह करें बस उन्हीं को अच्छे फल दे, और बाकियों को तिरस्कृत और दुत्कार कर किसी नरक में भेज दे, या दोज़ख में जलाये, या मारने के बाद किसी दूसरे लोक में यातनाओं का भागी बनाए, अगर उस ज़लील को तुम सबसे ऊपर बैठा हुआ कोई आसमानी भगवान, अल्लाह, ख़ुदा या ईश्वर मानते हो जो तुम सबके जीवन, मरण, सुख,दुख का फैसला करता है, इससे घिनौनी बात और क्या हो सकती है ?!
by अहं सत्य

Join at
Facebook

No comments:

Post a Comment