आसाराम पर आए फैसले पर इतना खुश ना होयें, क्योंकि यह केवल मोदी और संघ द्वारा अपने ही पैदा किए हुए भस्मासुर को बरतने के बाद कचरे के डिब्बे में फेंक देने की बानगी भर है । यही कुछ राम रहीम के समय में भी हुआ था, जिसे भी खुद संघ द्वारा ही पैदा किया गया, फलीभूत किया गया, और जब वह बस से बाहर हो गया और उसकी महत्वकांक्षाएं हद से ज़्यादा बढ़ गई तो उसे जेल में डाल कर निपटा दिया गया । संघ एक बहुत ही शातिर संगठन है, वोटों के ध्रुवीकरण के लिए वह ऐसे भस्मासुर पैदा करता ही रहता है जो उनके विरोधियों के विपरीत संघ के हाथ का दस्ता बन सकें; पर जब यही भस्मासुर वश से बाहर हो जाते हैं तो स्वयं ही उनके छुपा कर रखे गए काले कारनामों को उजागर कर उनका विनाश कर देना भी संघ की ही नीति है । #कंवल
by अहं सत्य
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