Thursday, November 12, 2015

Kanwal Speaks - November 12, 2015 at 05:49PM

कभी सर-ए-मुरशद दिया तुझको भाई कभी अपने ख़ून से तेरे घर की इज़्ज़त सींचता रहा, पर जब भी ढूँढना चाहा अपनापन तुझमें अपनी पीठ में मुझको कंवल बस खंजर ही मिला । #कंवल
by अहं सत्य

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