किसी भी बाप को अपनी बेटी की प्रति-रात्रि के हिसाब से बिस्तर गर्म करने की कीमत व दलाली माँगने से पहले शर्म की आग में जल कर मर जाना चाहिए; पर सर पे पाखंड को बांध कर धर्म का धंधा करने वालों को यहाँ अभूतपूर्व सुविधा प्राप्त है क्यूँकी एक तो वो पहले ही बिक-बिक कर मर चुके होते हैं और दूसरे उनको दलाली करने का बेहतरीन तज़ुर्बा प्राप्त हो चुका होता है, तो ऐसे में वो बड़े आराम से भरे-बाज़ार अपने मज़हब के पट्टों लहराते और सहलाते हुए अपनी बेटियों के जिस्म का मोलभाव व वसूली कर सकते हैं ...
by अहं सत्य
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