Sunday, March 13, 2016

Kanwal Speaks - March 13, 2016 at 09:08PM

वो काला सा भूखा अबोध बालक फटे कपड़े पहने अपने जिस्म की दुर्गंध से लापरवाह पेट पर हाथ फेरता हुआ ख़ुद की लाचारी से बेबस ललचाई आँखों से दूर उस तरफ़ देख रहा कैसे सीखी और सिखाई जा रही जीने की कला ... #कंवल
by अहं सत्य

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