बेदावा - प्रोफ़ेसर कवलदीप सिंघ कंवल ऐ हिंदुस्तान, तेरे हाथ सन चौरासी में तेरे आमो-निज़ाम के मिलकर अंजाम दिए गए मेरे बर्ब़र कत्ले़आम में बहाए बेगुनाह लहू से रंगे हैं जिसमें दहाकों से चल रही तेरी बेइंसाफ़ी के चलते तेरे मुंह पर घिनौनेपन, मक्कारी और वहशियत की कालिख़ पुती हुई है, इसलिए तेरी किसी भी रोशनी और दिवाली में मैं या मेरी नस्लें कभी शामिल नहीं होंगी; यह मेरा बेदावा है कंवल तेरे वजूद को !! #कंवल
by अहं सत्य
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