आधुनिक शिक्षा प्रणाली की रचना इस प्रकार से की गई है कि यह किसी व्यक्ति को केवल विश्व पूंजी बाज़ार की आवश्यकता के अनुरुप एक शिक्षित मानव संसाधन के रूप में परिवर्तित कर सके परंतु कभी भी उसको अपने मूलभूत अधिकारों के लिए इस बाज़ारी व्यवस्था के समक्ष एक विरोधी व एक बाग़ी की भांति खड़ा होने के लिए प्रोत्साहित ना कर पाए । #कंवल
by अहं सत्य
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