Saturday, February 10, 2018

Kanwal Speaks - February 10, 2018 at 11:33PM

इतिहास गवाह है कि हमेशा दलितों की बेटियाँ ही मंदिरों में देवदासियां बनती थीं और पुजारियों की हवस मिटाने का साधन बनाई जाती थी; कभी भी कोई ब्राह्मण कन्या या राजकन्या क्षत्राणी देवदासी नहीं बनी !!
by अहं सत्य

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