Saturday, December 5, 2015

Kanwal Speaks - December 06, 2015 at 11:51AM

जिन बुत्तों की कतार को ढाहता रहा था ता-उम्र वो कंवल, जब गुज़रा तो ख़ुद ही तराशा गया उनमें खड़ा करने को । #कंवल
by अहं सत्य

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