Saturday, December 5, 2015

Kanwal Speaks - December 06, 2015 at 12:05PM

बस इमारतें ढाहते रहे और काटते रहे इंसानों को, कैसा वो ख़ुदा था कंवल न ख़ुद में मिला न ख़ुदाई में मिला । #कंवल
by अहं सत्य

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