संस्थागत धर्म का त्याग राष्ट्रवाद के त्याग के बिना पूरा नहीं हो सकता, क्यूँकि मात्र अंधश्रद्धा और पाखंड की गुलामी से छुटकारा सही अर्थों में तब तक पूर्ण निर्वाण नहीं कहला सकता जब तक कि गले में बंधा किसी धरती के टुकड़े की गुलामी का पट्टा उतार कर न फेंक दिया जाए । #कंवल
by अहं सत्य
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