Friday, March 25, 2016

Kanwal Speaks - March 25, 2016 at 10:14PM

संस्थागत धर्म का त्याग राष्ट्रवाद के त्याग के बिना पूरा नहीं हो सकता, क्यूँकि मात्र अंधश्रद्धा और पाखंड की गुलामी से छुटकारा सही अर्थों में तब तक पूर्ण निर्वाण नहीं कहला सकता जब तक कि गले में बंधा किसी धरती के टुकड़े की गुलामी का पट्टा उतार कर न फेंक दिया जाए । #कंवल
by अहं सत्य

Join at
Facebook

No comments:

Post a Comment