किसी एक किताब को प्रश्न न किए जाने योग्य अंतिम सच मानने वाले धार्मिक जड़बुद्धि यहाँ से दफ़ा हो जाएँ, वरना मैं तो उनकी भावनाएँ ऐसे ही और इस से भी बदतर तरीके से आहत करता रहूंगा, क्योंकि मेरे वक्तव्य और प्रश्न तुम्हारे धर्म और उसकी मर्यादा के खूंटे से नहीं बंधे हैं ।
by अहं सत्य
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