Tuesday, March 3, 2015

Kanwal Speaks - March 03, 2015 at 08:22PM

अपनी आलोचना से भागना, अपने आलोचक के विरुद्ध द्वेष रखना और अपने उचित-अनुचित कृत्यों की आलोचना को निजी शत्रुता से संज्ञाकृत करना, यह सब फ़ासीवाद की ओर अग्रसर होने का आरंभ है, जिसका परिणाम केवल और केवल विनाश ही है, दूसरा कुछ भी नहीं | #कंवल

by अहं सत्य



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