Friday, March 13, 2015

Kanwal Speaks - March 13, 2015 at 06:21PM

हर पल मीठा ढूँढने की, 'गर लगी रहती है तल़ब तुम को, तो न निभ पायेगी हमारी, कि राहगीर-ऐ-सच्च हूँ, दुकान-ऐ-बातिल़ का हलवाई नहीं, कड़वा लिखता कहता हूँ | #कंवल

by अहं सत्य



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