Thursday, October 1, 2015

Kanwal Speaks - October 02, 2015 at 04:28AM

लहु के दे छींटे हवायों में किस ने फिर से आग घोली है, तरकारी का गोश्त कंवल लाशों का ढेर बनता जाता है । #कंवल
by अहं सत्य

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