सबसे सुरक्षित व सुलभ वैश्यालय धार्मिक संस्थानों में बनी हुई सरायों और धर्मशालायों के कमरे हैं जिनको राजनीतिक और धार्मिक दोनों प्रकार से संरक्षण प्राप्त होता है; पुण्य के परदे में यहाँ खुलेआम चमड़ी की मुनाफ़ाखोरी का धंधा चलता है, यहाँ तक कि बड़े-बड़े धर्म और राजनीति के अटके हुये सौदे इन्हीं रास-लीलायों की मद्होशी में संपन्न कराए जाते हैं ।
by अहं सत्य
Join at
Facebook
No comments:
Post a Comment