Saturday, April 1, 2017

Kanwal Speaks - April 01, 2017 at 08:39PM

मार्कस जहाँ जातिवादी व्यवस्था के द्वारा किए जानेवाले शोषण के बारे में निरक्षर था वहीं अंबेडकर पूंजीवाद और सामंतवाद के सामने गीदी; समकालीन स्थितियों के समक्ष दोनों ही अपूर्ण हैं और दोनों ही अप्रसंगिक भी । #कंवल
by अहं सत्य

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