मुख्यता तीन प्रजातियाँ आजकल बहुमत में हैं - चोर (लूटने वाले), वेश्या (बिकने वाले) और निपुंसक (चुपचाप सहने वाले); चौथी जो प्रजाति जिसे इंसान कहते है कुछ तो अपने आप विलुप्त हो रही है और बाकी को पहली तीन प्रजातियों के सर्वे-सुखीव के नहित नस्लघात कर विलुप्त होने की कगार पर पहुँचाया जा रहा है | #कंवल
by अहं सत्य
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