Wednesday, February 18, 2015

Kanwal Speaks - February 19, 2015 at 06:15AM

जिन रास्तों से हूँ गुज़र रहा, जाने पहचाने से लगते हैं, चला था इन पे पहले भी, जीवन ने करवट बदली यूँ, तब मंजिल थी और ही मेरी, मंज़िल आज कोई और है | #कंवल

by अहं सत्य



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