Saturday, April 25, 2015

Kanwal Speaks - April 25, 2015 at 02:52PM

ख़ुदाई मेँ न कंवल कभी देखा तुम ने, न जाना अंदर अपने जो ख़ुदा का घर है । यह सर पे बाँधा मज़हब जो भी तेरे, हवसो-बातिल़ का इजाज़तनामा भर है । #कंवल
by अहं सत्य

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