Saturday, April 25, 2015

Kanwal Speaks - April 25, 2015 at 04:53PM

खुशबूएँ न भी सही न मिलें कंवल कागज़ के फूलोँ से, कम से कम आँखोँ की तल़ब-ऐ-रंग तो बहल जाती है । #कंवल
by अहं सत्य

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