हिंदुस्तान के तथाकथित अपवित्र दलितो, अगर भाजपा की हिंदुत्ववादी सभ्यता में पवित्र महाराज योगीराज से विनती याचना भी करनी है तो साबुन से अपने तन को पुनीत करके ही उनके समक्ष प्रस्तुत होने का अधिकार मिलेगा, ध्यान से सुन लो ... भले नाम के लिए तुम राष्ट्रपति भी बन जाओ पर संघीय संस्कृति में तुम्हारी जगह केवल ब्राह्मण के चरणों में ही रहेगी, और ब्राह्मण देवता के पांव के अंगूठे से ही तुम्हारा राजतिलक होगा, केवल नाम मात्र का ! इसलिए, हिंदू, हिंदुत्व और संघ से छुटकारे के बिना हिंदुस्तान में दलित मुक्ति पूर्णतः असंभव है ...
by अहं सत्य
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