स्वयं के पुरुषार्थ और एक निराकार अकाल की कृपा में विश्वास, अरदास की टेक और गुरु का उपदेश, जगत की सेवा भेदभाव नाम न लेवा, न काहू से द्वेष सबन से प्रेम घृणा न राखी लेष, निर्मल मन नहीं अहंकार, है कंवल बस यही सिख्खी का सार । #कंवल
by अहं सत्य
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