Saturday, December 5, 2015

Kanwal Speaks - December 06, 2015 at 11:33AM

सोच कर करना पन्ने यूँ काले इस किताब-ए-ज़िंदगी के, कि इन को मिटाने में कंवल बहुत ज़िंदगी खर्च होती है । #कंवल
by अहं सत्य

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